Thursday 28 April 2016

Black Magic and Evil Eye - (नजर दोष -कारण और बचाव )

Sharp Weapons of Hidden Enemies - Black Magic and Evil  Eye 





अधिकतर हम अनुभव करते है की कड़ी मेहनत और ईश्वर के आशीर्वाद के बाद जैसे तैसे लाइन पर आई तरक्की की गाड़ी जब दौड़ने लगती है और हम एक अपने मुकाम के तरफ बढ़ने लगते है तब अचानक उस तरक्की की गाड़ी में ब्रेक लग जाते है और अकारण हमारी परेशानियां बढ़ जाती है।  इस ब्रेक के कई कारन हो सकते है , कुंडली के दोष के अलावा सबसे बड़ा कारन होता है नजर दोष (Evil Eye) और किसी शत्रु या हमारे अपने द्वारा दुर्भावना वश   हमारी खुशहाली (Happiness) को प्रभावित करने हेतु किया गया कोई  Black Magic ।  
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वैसे तो आपसी प्रेम  और सद्भाव से बड़ी कोई बात नहीं परन्तु फिर भी विशेषकर वो लोग जो कुछ लोग इनसे परे  होते है , जो लोग बहुत निचे से ऊपर उठते है उनकी सफलता उनके आस पास के कुछ विशेष लोगो और उनके प्रतियोगियों को बड़ी मुश्किल से हजम होती है।  खुशहाल जीवन जीते देख तुच्छ मानसिकता से ग्रस्त लोग दुर्भाव प्रकट कर और अशुभ सोच से खुश व्यक्तियों के सकारात्मक आभा मंडल को भेद  उनके भाग्य को स्तंभित  कर देते है।  ऐसा ही  होता है नजर लगना , इस नजर से छोटे बच्चों  का स्वास्थ्य  , खुशहाल वैवाहिक जीवन , सफल व्यवसायिक जीवन और सुदृढ़ आर्थिक परिस्थिति सभी दूषित हो पतन की तरफ जा सकते है , कुछ लोग सिर्फ नजर से ही नहीं कुछ विशेष  नकारात्मक ऊर्जा से भी जीवन को प्रभावित कर अपनी शत्रुता निकलते है।  

कौन लोग होते है अधिक प्रभावित ?


मंगल को नवग्रहों में commander कहा गया है,  सिर्फ शारीरिक शक्ति ही नहीं मंगल हमारे शरीर को सशक्त सकारात्मक आभामंडल प्रदान करता है , अतः  अगर मंगल कमजोर परिस्थिति में है तो ऐसे व्यक्ति बहुत ही जल्दी नजर दोष और नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित हो कर परेशान होते है।  मजबूत मंगल के लोगो का आभा मंडल इसने सशक्त होता है की उन्हें नजर दोष या कल जादू जैसी चीज़े प्रभावित नहीं कर पाती।  इसीलिए सदैव हमेशा कमजोर मंगल के लोगो को प्रभावित होने की परिस्थिति में महाबली हनुमान या शक्ति की देवी माँ दुर्गा की आराधना करने की ज्योतिषीय सलाह दी जाती है। 
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नियमित हनुमान मंदिर जाने , हनुमान चालीसा पढ़ने और असुरो का सम्हार करने वाली  माँ दुर्गा की आराधना करने वालो को किसी भी प्रकार की नजर, जादू टोने और अज्ञात शत्रु का भय नहीं रहता है।  


ऐसी परिस्थिति में रोग , ऋण और शत्रुओ का प्रतिनिधित्व करने वाला कुंडली का छठा भाव बहुत बड़ा भाग अदा करता है , किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा से ग्रसित व्यक्ति इन्ही तीनो से प्रताड़ित होता है , जैसे की या तो बहुत बीमार होगा , व्यापर में घाटा होगा या शत्रु बहुत होंगे , अतः छठे भाव का लग्न से सम्बन्ध बनने या इसमें कमजोर ग्रहों के होने की परिस्थिति में व्यक्ति बहुत जल्दी नजर दोष या किसी नकारात्मक प्रयास का शिकार बनता है , इस भाव में अधिक क्रूर ग्रहों का होना भी विपरीत परिस्थितियां पैदा करता है।  ऐसे योग के चलते शनि देव की आराधना बहुत काम आती है और शत्रुओ का नाश होता है।  

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लग्न में राहु, राहु -शनि या शनि -केतु का होना भी दूषित योग है , इस योग के लोगो को भी अप्रत्यक्ष शत्रुओ का बहुत सामना करना पड़ता है और किसी भी प्रकार की  नकारात्मक ऊर्जा शक्ति के माध्यम से प्रताड़ित होने की परिस्थिति निर्मित हो सकती है।

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गुरु सिर्फ ज्ञान और धन का ही ग्रह नहीं , गुरु की कुंडली में उपस्थिति हमारे भीतर निहित आध्यात्मिक ऊर्जा को  दर्शाती है , प्रबल गुरु  सदैव आध्यात्मिक क्रिया कलापो से जुड़े रहते है साथ हु उनके पास एक सशक्त आध्यात्मिक और दैवीय आभामंडल रहता है जो उन्हें किसी भी प्रकार की विकट परिस्थिति से बचता  है , अतः मजबूत गुरु वाले लोगो को भी किसी भी प्रकार के नजर और कल जादू का भय नहीं रहता , गुरु का नीच का होना , कमजोर होना या राहु -शनि से दूषित होना आध्यात्मिक और दैवीय आभामंडल को कमजोर करता है जो समय समय पर किसी नकारात्मक ऊर्जा से प्रताड़ित होने की परिस्थितियां निर्मित करता है। ( अवश्य पढ़े यह लेख "प्रार्थना एवं देव दर्शन ")   Click here to Visit me on Facebook

कमजोर गुरु की वजह से धनक्षेत्र भी बहुत जल्दी प्रभावित होता है वित्तीय परिस्थितियां असंतुलित  होती रहती है।  

 चन्द्रमा जल तत्व का शीतल ग्रह है और मन का प्रतिनिधित्व करता है , कमजोर चन्द्र वाले व्यक्तियों के जीवन में उतर चढाव की परिस्थितियां अधिक निर्मित होती है , ठीक वैसे ही बाल्यावस्था में १२ वर्ष तक की उम्र तक चन्द्रमा प्रभावी ग्रह होता है और ऐसी परिस्थिति में बच्चों को नजर दोष की परेशानी बड़ो से अधिक रहती है , ऐसे ही अमावस्या को जन्मे लोग , ग्रह काल में जन्मे लोग और चन्द्र शनि की युति  से प्रभावित लोगो को भी नकारात्मक ऊर्जा से तुरंत  प्रभावित होने का भय रहता है।  

क्या होता है जब ऐसी परिस्थिति निर्मित हो ?
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जब भी कोई व्यक्ति अपनी दुर्भावना से या किसी क्रिया विशेष से आपकी या  आपके परिवार के लिए नकारात्मक ऊर्जा (negative energy ) भेजता है तो वो सूक्ष्म नकारात्मक  तरंगे आपके सकारात्मक आभामंडल (positive  aura ) को प्रभावित करती है , ये negative energy   fields   पैदा करती है जो आपके घर में चल रहे electric और electronic equipment से पैदा होने वाली विद्युत तरंगो से टकरा उन्हें नुकसान पहुंचती है , अतः अधिकतर परिस्थितियों में घर में स्थित electric equipment में नुकसान पैदा होता है , एडाप्टर , wifi संयंत्र , बिजली के बल्ब और tubelight या और अन्य।  

दूसरी  परिस्थिति में नकारात्मक ऊर्जा (negative energy ) मन मस्तिष्क पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है और ऐसी स्थिति नियमित रहने पर घर के सदस्यों की मानसिकता का नकारात्मक होना , निर्णय क्षमता (decession power ) कमजोर होना और परिवार (family ) में आपसी मन मुटाव होने जैसी स्थिति निर्मित होती है जिसके फलस्वरूप धन हानि, व्यवसायिक/ आर्थिक नुकसान और आतंरिक कलेश निर्मित होता है।

कई परिस्थितियों में ये नकारात्मक ऊर्जा निर्णय क्षमता को इस कदर प्रभावित करती है की व्यक्ति गलत निर्णयों से स्वयं ही स्वयं के पतन का कारन बनता है।  Click here to Visit me on Facebook

नकारात्मक ऊर्जा एक ऐसा नकारात्मक आभामंडल (negative aura ) विकसित कर देती है  की आकर्षण शक्ति खत्म हो जाती है और नए रिश्ते बनते नहीं है और  पूर्ण टूट जाते है, व्यक्ति अपने आप को असहाय और अकेला सा महसूस करता है।  

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क्या किया जाये ?

ऐसे  समय में सबसे पहले ईश्वरीय प्रार्थना और देव दर्शन से सकारात्मक ऊर्जा को सचेत करने का प्रयास करना चाहिए , नित्य हनुमान मंदिर जा कर हनुमान चालीसा का पाठ  करना उत्तम फल प्रदान करता   है।  

"भुत पिशाच निकट नहीं आवे , महावीर जब नाम सुनावै " , इसीलिए घर में सुन्दर कांड और नित्य हनुमान चालीसा का पाठ  नकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश को रोकता है। Click here to read all the Blogs  
जिस तरह से हनुमानजी की मंदिर में सरसो के तेल का दीपक लगाया जाता है ठीक वैसे ही घर में भी  पूजा घर में सरसो का तेल का दीपक लगा कर प्रताड़ित व्यक्ति को कुछ समय दीपक के पास बैठ ध्यान करना चाहिए। 
 

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अगर गायत्री मंत्र का cd या टेप नित्य धीमी गति से बजता रहे तो वो सकारात्मक ऊर्जा में जबरदस्त वृद्धि करता है, साथ ही नित्य गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जप भी किया जाना चाहिए,  ये जप नकारात्मक ऊर्जा को तुरंत समाप्त करता है।  
अगर मंगल कमजोर है तो  सही सलाह ले कर मूंगा रत्न धारण करना चाहिए, एक अच्छा मूंगा शत्रु बाधा से बचाता है।  
रसोई में पाई जाने वाली काली  मिर्च बड़ी ही अद्भुत वास्तु है, ७ काली मिर्च संध्या के समय सिर के ऊपर से ७ बाद घुमा कर चौराहे पर रख दी जाये तो नजर दोष का  शमन होता है , ७ दाने काली मिर्च और ७ लौंग अपने साथ रखने ऐसे किसी भी प्रकार के प्रयास निष्फल हो जाते है।  
महामृत्युंजय मंत्र का जप भी अत्यन्त लाभकारी सिद्ध हो स्वस्थ्य की रक्षा करता है, साथ ही भगवान शिव की कृपा से सभी  प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा रक्षा करता है।
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White  Sage अमेरिका में पाया जाने वाला एक पौधा है और इसकी पत्तियों को मिटटी के बर्तन में जला कर इसका धुंआ अपने ऊपर लेना और घर या कार्य स्थल पर करना किसी भी प्रकार के नजर दोष या  जादू टोने को समाप्त करता है और साथ ही सकारात्मक वातावरण निर्मित करता है , इसी कड़ी में हवन करना और गूगल की धुप देना भी फायदेमंद होता है , गूगल की गंध हनुमानजी को बहुत  प्रिय है और विशेष कर अमावस्या की रात्रि अगर इसकी धुप देते हुए अगर हनुमान चालीसा का पाठ किया जाये तो सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा यंहा तक की ऊपरी बाधाओं से मुक्ति प्राप्त होती है। Click here to read all the Blogs  

इन सब उपायों के अलावा हमेशा सकारात्मक वातावरण में रहना , ईश्वर में श्रद्धा रखते हुए घर में उनका नाम लेते रहना हमेशा ही नकारात्मक शक्तियो को दूर रखता है।Click here to Visit me on Facebook


पंकज उपाध्याय ,
इंदौर 
फ़ोन  : 97553 66622 / 9753000001