देश एक अभूतपूर्व परिस्थिति से गुजर रहा है , जो लोग संकट से दूर या अनभिज्ञ है भविष्य को लेकर उनके आकलन सकारात्मक  है , ठीक विपरीत जो लोग अपने ही धन के लिए कतार में है उनकी राय विपरीत है, कुल मिलाकर ये तय है की  देश का हर व्यक्ति भविष्य को लेकर आशंकित है।  मैं अर्थशास्त्र का जानकर नहीं जो नोटों के बंद कर दिए जाने के फैसले किसी प्रकार की टिपण्णी कर सकूँ  ,  परंतु ज्योतिष मेरा क्षेत्र है और उस दृष्टिकोण से आने वाले समय को लेकर अपनी राय सबके सामने अवश्य रखना चाहूंगा। (#Demonetization)
आम जनता को लेकर राजनेताओ के फैसले कुछ भी हो परंतु सितारों के भी अपने प्रभाव होते है और वो समय समय पर अपनी चाल से परिस्थितियों में बदलाव ला सकते है।  शनि को आम जनता का ग्रह कहा गया है और उसका विपरीत राशि के गोचर में होना आम जनता को सर्वाधिक प्रभावित करता है , आज आम जनता की राय कुछ भी हो पर वो है तो कतार में ही ।   इन परिस्थितियों की भूमिका तब निर्मित हुई जब शनि का भ्रमण  वृश्चिक राशि में  प्रारम्भ हुआ , ये तारीख थी 2 Nov 2014 , वृश्चिक राशि है 8 वे नंबर की राशि और इसके स्वामी है मंगल , जो की शनि के शत्रु है।  8 का अंक भी अंक शास्त्र में शनि का ही अंक है।  (#Demonetization)
8 Nov 2016 को रात्रि 8 बजे 17 तारीख (8 ) को जन्मे शनि प्रधान श्री नरेंद्र मोदी ने काले धन की समाप्ति और देश की आम जनता के लिए पुराने नोटों की बंदी का फैसला लिया, शनि के बाद इन परिस्थितियों को प्रबल बनाने वाला दूसरा प्रमुख ग्रह रहा राहु , मैंने January -2016 में राहु के सिंह राशि (Leo) में प्रवेश  पर अपने लेख में भविष्य की आर्थिक परिस्थितियों में  बड़े बदलाव को ले कर संकेत दिए थे ( Read  : Rahu In Leo ) . सिंह राशि एक राज्य तंत्र (Royal Sign) की राशि है और उस पर किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव सत्ता और सत्ता धीशो को प्रभावित करता है , सूर्य  सिंह राशि का स्वामी ग्रह है और राहु ग्रहण (Eclipse) से सूर्य के तेज को प्रभावित  करने वाला ग्रह।  यंहा समझने योग्य ये है की सिंह राशि भारत वर्ष की कुंडली में चतुर्थ भाव में भ्रमण कर रहा है  और ये भाव देश की जनता का होता है अतः इस भाव में किसी भी प्रकार का नकारात्मक प्रभाव  (negative effects) देश की जनता को प्रभावित करेगा ।  
जब किसी भी ग्रह और भाव  पर  पाप ग्रहो का प्रभाव पड़ता है तो कुंडली (Horoscope) के उस भाव से सम्बंधित फल दूषित होते है , यही परिस्थिति निर्मित हुई भारत वर्ष की कुंडली के चतुर्थ भाव के साथ , जैसा की  ऊपर लिखा है Nov -2014 से शनि (saturn) के वृश्चिक (scorpio) राशि में आने के बाद से सप्तम भाव (7th House) और चतुर्थ भाव (4th House) प्रभावित हुआ सप्तम व्यापार व्यवसाय और पड़ौसी मुल्को का भाव और चतुर्थ देश की जनता का , उसके बाद january 2016 में सिंह राशि (चतुर्थ भाव ) में राहु आने के बाद से स्थिति और दूषित हुई क्योंकि इस भाव पर पहले से ही शनि की दृष्टि थी और राहु ने इस भाव को और अधिक दूषित कर दिया , सिंह राशि के स्वामी सूर्य के ये दोनों ही परम शत्रु है , पड़ौसी मुल्को के साथ सम्बन्ध भी ख़राब होते रहे और आर्थिक स्थितियां भी , शेयर सूचकांक  भी गति नहीं दिखा सका।   (#Demonetization)
परिस्थितियां surgical strike तक पहुची और युद्ध की आशंका से मन आशंकित होने लगे , शेयर बाजार ने भी बड़ा होता लगाया , इसके बाद  nov 2  को मंगल ने मकर राशि में प्रवेश किया और फिर उसकी भी दृष्टि सिंह राशि और राहु पर पड़ी और वो भाव और अधिक पापाक्रांत होता गया।  कुछ दिनों पश्चात् आर्थिक और व्यापारिक स्थिति का कारक  ग्रह बुध (Mercury) जो की भारत की कुंडली में दूसरे और पांचवे भाव  (5th House) का स्वामी भी है कुंडली के मरण कारक  भाव सप्तम और अपनी शत्रु राशि  वृश्चिक में आ गया , ग्रह परिस्थितियां पूरी तरह से विपरीत थी और जनता बैंको में।   (#Demonetization)
आगे क्या ?
28 Nov 2016 को बुध (Mercury) वृश्चिक राशि से निकल कर धनु राशि (Sagittarius)  में प्रवेश करेगा जो भारत वर्ष की कुंडली का अष्टम भाव है , बुध  का अपने औसत  भ्रमणकाल (20 दिन ) से अधिक किसी एक राशि में रहना और विशेषकर शत्रु राशि में हमेशा ही आर्थिक स्थिति से के लिए अत्यंत ही घातक रहा है , यंहा बुध जो  लगभग 3-Feb-2017  तक रहेगा जो कुछ समय के लिए वक्रीय भी होगा , ये योग परिस्थितियों को और अधिक विषम  करने का प्रयास करेगा, क्योंकि बुध जब भी किसी एक राशि में लंबे समय तक रुकता है तो आर्थिक परिस्थितियों को प्रभावित करता है , इस समय में वाणिज्य और व्यवसाय के आंकड़े बहुत निचे आ सकते है , ये समय भी कष्टकर हो ऐसी सम्भावना हो सकती है।  (#Demonetization)
26-Jan-2017  को शनि वृश्चिक राशि से निकल कर धनु राशि में प्रवेश करेगा और उसकी दशम दृष्टि भारत वर्ष की कुंडली के पंचम भाव पर पड़ेगी जो सत्ता पक्ष को विपरीत स्थितियां नियंत्रण में करने हेतु विशेष फैसले लेने हेतु बाध्य करेगी , तद्पश्चात अवश्य की कुछ बदलाव की संभावनाएं दिखेगी। (#Demonetization)
शनि का काल पुरुष राशि चक्र के नवम भाव में होना अवश्य ही   आने वाले समय में बड़े  बदलाव के संकेत  देता है , परंतू  वो भी कम  परीक्षा की घडी नहीं होगी , धन का कारक ग्रह गुरु जो कन्या राशि में है फिर से गुरु की दृष्टि में होगा और विषम परिस्थितियां पैदा करेगा ।  वर्ष 2017 सूर्य प्रधान अंक होगा क्योंकि 2017 का जोड़ 1 होता है जो की सूर्य का अंक है और  वर्ष 2016 का जोड़ 9 है जो की अंको के चक्र  का अंतिम अंक है, अवश्य ही बहुत कुछ समाप्त होगा और बहुत से लोगो के जीवन का में बदलाव आएगा , पुराने नोटों का  अंत हुआ  है और नए वर्ष से बहुत से नियम नए होंगे जो जीवन में धीमे से परंतु बड़े बदलाव अवश्य लाएंगे। (#Demonetization)
Pankaj Upadhyay
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