Friday, 14 August 2015

Celebration of holiday or independence day ?

जब भूख आज़ाद (independent) हो और बचपन गुलाम , मौत आज़ाद हो और जिंदगी गुलाम  तो कहा  जा सकता है ये समय सिर्फ आजादी (independence) की खुशिया मनाने का नहीं है,  अंग्रेजो से आजाद होने के बाद हम दिन पे दिन आतंकवाद, भ्रष्टाचार , धार्मिक उन्माद ,गुंडागर्दी और महिला अत्याचार जैसी कितनी ही भयावह बुराइयो के गुलाम होते जा रहे है , हर वर्ष कितनी ही जाने भूख और समय पर चिकित्सा सुविधा न मिलने से जा रही है , ये समय कतई भी आजादी के उत्सव का नहीं हो सकता , हा लोग राष्ट्रीयता और नागरिकता के बोध को भूल छुट्टी का लुत्फ़ जरूर ले रहे है और जो झंडावंदन में व्यस्त है उन्हें आवश्यकता है अपने से जुड़े लोगो को राष्ट्रीयता और नागरिकता का बोध कराने और अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक होने की, तभी हम वास्तविक रूप से स्वतंत्र होंगे ।

हमें अपने आपको विश्वास  दिलाना होगा की हम मुट्ठी भर भ्रष्टाचारी , आतंकवादी और उन्मादी लोगो की तुलना  में कंही अधिक है, हमें उस भीड़ का हिस्सा बनने के बजाये उनके सामने आना होगा ।

हमारे पास विश्व की सबसे बड़ी युवा शक्ति है और उस युवा शक्ति को अपनी शक्ति का बोध होते ही हम सब बुराइयो से स्वतंत्र और शक्तिशाली राष्ट्र होंगे।

सभी को अपने भीतर छुपी राष्ट्रीयता को जीवित करने के विशेष आग्रह के साथ स्वतंत्रता दिवस हार्दिक शुभकामनाये ।

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