Thursday, 5 May 2016

Subroto Roy Sahara - An Astrological Analysis


Subroto Roy Sahara (Saharashree) की इंटरनेट पर विभिन्न जन्म समयो को लेकर बहुत सी कुंडली उपलब्ध है , उन कुंडलियों की सत्यता को ले कर सभी ज्योतिषियों के अपने दावे  और प्रमाण है , परन्तु सबसे महत्वपूर्ण ये है की कौनसी कुंडली उनके वर्तमान समय को दर्शा रही है , उसको ही सही माना जाना चाहिए।  ये तो सत्य है की ग्रह किसी के बस में नहीं , सहाराश्री भी उन्ही ग्रह दशाओं से गुजर रहे है।Click to Visit my facebook page

मेरे अनुभव और अध्ययन के अनुसार सहाराश्री का जन्म १० जून १९४८ कन्या लग्न में हुआ है , वैसे तो तुला लग्न , कुम्भ लग्न और वृषभ लग्न पर भी लोगो के अपने दावे है परन्तु जिन ग्रह परिस्थितियों से वे गुजर रहे है उसमे कोई शक नहीं की वे कन्या लग्न में जन्मे है।

सबसे पहले समझे ये समय सही क्यों है और साथ ही करे विश्लेषण सहाराश्री की कुंडली का ,   किसी भी सफल व्यक्ति की कुंडली में सबसे पहले उसके लग्न की परिस्थिति  को देखा जाना आवश्यक है ,लग्न अर्थात  self , बिना मजबूत लग्न के सशक्त  व्यक्तित्व (personality ) का निर्माण नहीं होता और साथ ही सफल व्यवसायिक जीवन (professional life ) में स्थिरता नहीं रहती।  यंहा लग्न भाव का स्वामी ग्रह (Lagn Lord ) बुध (mercury )  दशम  भाव (10th house of profession) में  स्थित है , जो की 10th house lord  भी है , 10th house और 1st house के बीच का ये सम्बन्ध अधिकतर सफल व्यवसायिक कुंडलियों में देखा जाता है , यंहा इस  horoscope में 10th house में बुध के साथ 9th house और 2nd house lord शुक्र भी है.Click to Visit my facebook page

9th और 10th house lords  का एक साथ किसी शुभ भाव में होना धर्मकर्माधिपति राज योग का निर्माण करता है , जो  क्षेत्र विशेष और समाज सेवा के क्षेत्र में ऊंचाई को सुनिश्चित करता है, सहाराश्री के निर्देशन में सहारा समूह ने निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोगो के लिए बचत क्षेत्र में विशेष कार्य किया।  

दशम भाव में निर्मित इस धर्मकर्माधिपति योग पर 4th house से गुरु (jupiter ) की दृष्टि है , अर्थात 9th ,10th ,1st और 2nd  house के lords और अधिक मजबूत स्थिति में आ गए।  भाग्य भाव (9th ) के स्वामी पर गुरु की दृष्टि होना उस भाव को और अधिक मजबूत बना रहा है।  5th house पद ,  प्रतिष्ठा और सम्मान का भाव है , जिसका lord शनि 11th हाउस से देख अपने घर को मजबूत बना रहा है, वंहा साथ में चन्द्रमा (moon ) है जो की 11th  house lord ही है , अर्थात 11th और 5th house भी मजबूत स्थिति में आ गए, तभी  उन्हें इतना प्रबल आभामंडल मिला की लोग और धन दोनों ही उनकी और उनके समूह से जुड़ते गए , बिना प्रबल 11th house के ये संभव नहीं था।  मैंने हमेशा कहा है की मजबूत धन योग के लिए 2nd और 11th house का बहुत मजबूत होना अति आवश्यक है। 
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इस कुंडली में 9th house का lord शुक्र नवमांश कुंडली में उच्च की राशि में है जो अपने आप में उन्हें बहुत भाग्यवान बनाने का कार्य कर रहा है , साथ ही शनि स्वग्रही , यंहा शनि अमात्यकारक ग्रह (planet with 2nd highest longitudes in horoscope) है जो की व्यक्ति सामाजिक स्थिति का कारक ग्रह है , उसका चन्द्रमा के साथ होना उन्हें जनसमूह का समर्थन दिला रहा है।  फ़रवरी 1991 से प्रारम्भ शुक्र की दशा ने उन्हें बहुत ऊंचाइयां दी , ये दशा चली फरवरी 2011 तक , इसी समय के दौरान वो संघर्ष करते हुए लखनऊ पहुंचे और फिर सहारा ग्रुप ने जबरदस्त ऊंचाइयों को छुआ , real estate , media , hotels , hotels in  foreign land और क्या नहीं , इसी दौरान उन्हें ढेरो सम्मान और पुरस्कार मिले , इनमे D.Lit की उपाधि और  कई बड़े awards भी शामिल है,  २०१३ में समूह के १२१६५३ कर्मियों ने राष्ट्र गान गए कर विश्व रिकॉर्ड  बनाया था  , और इसी के साथ साथ शुरू हुआ संघर्ष का नया दौर , जिसकी नीव रखी गयी 2011 से, सूर्य की महादशा की  शुरुआत से ।
सूर्य आत्मकारक (planet with highest degrees) , आत्मकारक ग्रह हमेशा ही अपनी दशा अन्तर्दशा में आत्मा को प्रताड़ना प्रदान करता है, अमूमन आत्मकारक ग्रह की दशा हमेशा तनावग्रस्त ही जाती है ,हलाकि ये भी जरुरी है की सूर्य किस भाव का स्वामी है , यहाँ सूर्य 12th house का lord है , जो की खर्च ,सजा , राजदण्ड , नुकसान और विदेश का प्रतिनिधित्व कर रहा है , हलाकि 12th house lord का 9th house में होना अपने आप में foreignland में व्यापर और सफलता के लिए बहुत अच्छा योग है , परन्तु फ़िलहाल 2011 से उनकी सूर्य की दशा प्रारम्भ है और वो मंगल के  नक्षत्र में जो की 8th house का lord हो कर 12th house में है , अर्थात यंहा पूरा दशा फल 12th house का ही मिलना है , सूर्य है भी शत्रु राशि में और उस पर कोई शुभ दृष्टि भी नहीं, ये जरूर है की बारहवे भाव पर और उसमे बैठे मंगल पर जरूर राहु की दृष्टि जरूर है जो सूर्य की दशा में परिस्थितियों को और अधिक विपरीत कर रही है।  Click to read other blogs

२०१४ फरवरी में जैसे ही सूर्य में शनि की अन्तर्दशा प्रारम्भ हुई तब से सहाराश्री कोर्ट के आदेश से न्यायिक हिरासत में है जो इस दूषित बारहवे भाव का ही परिणाम है, फ़िलहाल वृश्चिक राशि में भ्रमण कर रहे शनि इस सूर्य पर दृष्टि डाले बैठे है जो परेशानी दूर होने के सारे रास्ते बंद किये बैठे है,  सूर्य की दशा समाप्त होगी फरवरी २०१७ में , उसके बाद का समय किसी प्रकार की राहत प्रदान करेगा और परिस्थितियां नियंत्रण में आएगी।

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पंकज उपाध्याय
इंदौर
www.pankajupadhyay.com
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