जैसे जैसे समय का चक्र चलता जा रहा है हम आधुनिक होते जा रहे है और उस आधुनिकता के साथ पीछे छूट रही है हमारी संस्कृति, एकल परिवारो विशेषकर बड़े शहरों में बड़े बुजुर्ग नहीं होते जो और एक बड़ा कारन होता है हमें अपने संस्कृति से दूर होने का , जितने हम अपने आप और अपनी संस्कृति से दूर हो रहे है जीवन की समस्या बढती जा रही है, हमारा खान पान, दिन चर्या ,रहन सहन सब कुछ तो बदल गया है और कंही न कही ये बदलाव ही शायद हमारी बढती परेशानियो का कारन है , पहले बेटी को कम उम्र में ही माँ कहती थी बेटा मै शाम के खाने की तैयारी शुरू करू तब तक तू तुलसी माता के पास दीपक लगा दे और सच मानो वो सीख और आदत हमें अपनी संस्कृति से जोड़ने की शुरुआत होती थी।Click here to read my other blogs
अब न माँ तुलसी के लिए आँगन में जगह है और पूजा के लिए समय है न माता अपनी बच्चियो को वो सीख देने की याद रख पाती है, माता तुलसी जिन्हें हम हरिप्रिया या विष्णुप्रिया भी कहते है का हमारे घर आँगन में होना मात्र ही बहुत सी परेशानियो का अंत कर देता है , तुलसी का पौधा घर में सकारात्मकता (positivity) फैलाता है, इस पौधे की उपस्थिति मात्र से घर के समस्त वास्तु दोष दूर हो जाते है , इसे आँगन में प्रवेश द्वार के पास स्थापित किया जाना उत्तम होता है ताकि हमारे बाहर जाते आते माँ के दर्शन हो और अपने हम अपने उद्देश्यों में सफल हो, ये सकारात्मकता तब और बढ़ जाती है जब संध्या के समय इनके पास शुद्ध घी का दीपक लगाया जाये , इससे हमारे घर में सुख और समृद्धि बढ़ती है , धन सम्बन्धी सभी समस्याओं का निवारण होता है ।
आजकल के समय में तेजी से फ़ैल रही बीमारियो डेंगू और स्वाइन फ्लू के कीटाणु भी माँ तुलसी के हमारे आँगन में होने से हमारे घर में प्रवेश नहीं कर पाते , कुछ बून्द तुलसी के रस के अगर बेहोश व्यक्ति के नाक में डाल दिए जाये तो व्यक्ति होश में आ जाता है।
तुलसी के पत्तो का या उसके रस का सेवन मोटापे और रक्तचाप जैसी बीमारियों को नियंत्रित करती है , और तो और तुलसी के नित्य सेवन से कभी भी दमे की बीमारी नहीं हो सकती। तुलसी की माला गले में डाले रहने से टॉन्सिल्स नहीं बढ़ते साथ ही नकारात्मक ऊर्जा के दुष्प्रभाव हम बचे रहते है।
विद्यार्थियों को बचपन से एक /आधा चम्मच तुलसी का रस पिलाए , उनकी स्मरण शक्ति गजब की रहेगी और पढ़ने में मन भी लगेगा , खून की कमी के लिए भी तुलसी रामबाण दवा है , काम हीमोग्लोबिन स्तर वाले लोग इसके सेवन से बीमारी ठीक कर सकते है।
घर में तुलसी माँ की नित्य पूजा (जलार्पण ) से अशांति और कलह नहीं होती, कह सकते है की अपनी संस्कृति से जुड़ने का ये कदम एक साथ कई परेशानियो से बचाता है, आप भी प्रेरणा ले और अपनो को भी प्रेरणा दे और माँ तुलसी को अपने घर आँगन में स्थापित कर चिरकाल के लिए सुखी बने। Click here to read my other blogs
आजकल के समय में तेजी से फ़ैल रही बीमारियो डेंगू और स्वाइन फ्लू के कीटाणु भी माँ तुलसी के हमारे आँगन में होने से हमारे घर में प्रवेश नहीं कर पाते , कुछ बून्द तुलसी के रस के अगर बेहोश व्यक्ति के नाक में डाल दिए जाये तो व्यक्ति होश में आ जाता है।
तुलसी के पत्तो का या उसके रस का सेवन मोटापे और रक्तचाप जैसी बीमारियों को नियंत्रित करती है , और तो और तुलसी के नित्य सेवन से कभी भी दमे की बीमारी नहीं हो सकती। तुलसी की माला गले में डाले रहने से टॉन्सिल्स नहीं बढ़ते साथ ही नकारात्मक ऊर्जा के दुष्प्रभाव हम बचे रहते है।
विद्यार्थियों को बचपन से एक /आधा चम्मच तुलसी का रस पिलाए , उनकी स्मरण शक्ति गजब की रहेगी और पढ़ने में मन भी लगेगा , खून की कमी के लिए भी तुलसी रामबाण दवा है , काम हीमोग्लोबिन स्तर वाले लोग इसके सेवन से बीमारी ठीक कर सकते है।
घर में तुलसी माँ की नित्य पूजा (जलार्पण ) से अशांति और कलह नहीं होती, कह सकते है की अपनी संस्कृति से जुड़ने का ये कदम एक साथ कई परेशानियो से बचाता है, आप भी प्रेरणा ले और अपनो को भी प्रेरणा दे और माँ तुलसी को अपने घर आँगन में स्थापित कर चिरकाल के लिए सुखी बने। Click here to read my other blogs