कुंडली में देखे सपनो का घर
योग जो देते है भवन सुख :
अपना स्वयं का घर होना चाहे छोटा सा ही सही हर उस व्यक्ति का सपना होता है जो पराई छत के निचे रह रहा है , जिनके पास अपनी छत है वे बड़े और अधिक वैभवशाली घर का सपन देखते है , परन्तु सब कुछ अपने मन माफिक हो जाना बिना भाग्य की सहायता के संभव नहीं , आज के समय में तो जितनी तेजी से मकानों की कीमत बड़ी है , उसके अनुपात में आय तो बिलकुल भी नहीं अतः लोगो को न चाह कर भी भाग्य का भरोसा करना ही पढता है। Click to visit my facebook page
चतुर्थ भाव (4th house) सुख, सुविधाओं , संपत्ति और माँ का भाव भी होता है, property और भवन भी 4th house से ही देखा जाता है। मंगल (mars ) property का एवं बुध और शुक्र सुख सुविधा के कारक ग्रह है , शुक्र और बुध को राजसुख दायी ग्रह कहा
जाता है। स्वयं के भवन और property का भाग्य में कितना सुख लिखा है देखने के लिए इन ग्रहो का भी अध्ययन करना पड़ता है। अगर जन कुंडली में ये मजबूत अवस्था में है और चतुर्थ भाव से सीधा
सम्बन्ध बना रहे है तो भवन और प्रॉपर्टी का पूर्ण सुख भाग्य में होगा, वंही इन ग्रहों का कमजोर होना परिस्थितियों को विपरीत बनाएगा।
चन्द्र को 4th house का कारक ग्रह है और इसका मजबूत
होना भी अपने घर के सपने को पूरा करने के लिए सभी प्रकार आकांक्षाएं पूरी करने के बहुत जरुरी है, अतः अगर चन्द्र और
शुक्र दोनों मजबूत हो और 4th house से सम्बन्ध बना रहे हो या केंद्र या
त्रिकोण अवस्था में हो तो मानिये की आप बहुत अच्छे घर में निवास करेंगे। शुक्र और बुध का इस भाव से सम्बन्ध वैभवशाली जीवन का योग बनाता है , अगर
चतुर्थ भाव में मजबूत गुरु उपस्थित है तब ईश्वर की विशेष कृपा से आपका सपना अवश्य पूरा होगा, शनि और राहू की मजबूत दृष्टि आपकी इच्छा पूरी अवश्य करेगी परन्तु घर में सुख का आभाव होता है , सूर्य और राहू का इस भाव में होना भी property के सुख के हिसाब से ठीक नहीं और
जातक को कई बार घर वापिस से बेचना पड़ता है या क़ानूनी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है । Click to visit my facebook page
4th House के lord का 6th House में होना और साथ ही अगर शत्रु राशी में तो संपत्ति का विवादित होना
तय रहता है और 8th House में होना गंभीर वास्तु दोष की तरफ इशारा
करता है। 12th House में जाना चतुर्थ भाव को कमजोर करता है और संपत्ति का नाश
होता है , परन्तु साथ ही 4th house Lord गुरु है तो 12th house में जाने से उसकी 4th house पर मजबूत दृष्टि होगी जो भवन सुख का आनंद देगी। www.pankajupadhyay.com
ठीक इसी प्रकार से अगर 4th house का मजबूत संबध 9th House से है तो पिता की
मदद से property का सुख मिलता है या पैत्रक संपत्ति मिलाती है , चतुर्थ भाव से
लग्नेश (1st House Lord ) का सम्बन्ध स्वयं के प्रयासों से मकान बनने की तरफ इशारा करता है जबकि
सप्तम भाव से सम्बन्ध जीवनसाथी की मदद से या जीवन साथी के आने के बाद
भाग्य से सुख का इशारा करता है। स्वयं के भवन के सुख के लिए चन्द्रमा (moon) और 4th House Lord का मजबूत
होना अत्यंत आवश्यक है और अगर ऐसा नहीं है तो उसे मजबूत करने सम्बन्धी सारे
उपाय करना चाहिए. Click to visit my facebook page
कब प्राप्ति होगी भवन की :
Horoscope में अगर गुरु मजबूत है तो गुरु की गोचर के दौरान 4th House पर दृष्टि भवन योग निर्मित करती है परन्तु उस समय चल रही दशा का अनुकूल होना बहुत आवश्यक है। कई गुरु का 4th house lord के ऊपर से transit भी ये योग निर्मित करता है। www.pankajupadhyay.com
4th House lord की दशा या अन्तर्दशा के दौरान भी भवन प्राप्ति के योग निर्मित होते है , इसे ही परिस्थिति 9th house lord की दशा /अन्तर्दशा में होती है क्योंकि 9th house का कार्य भाग्य में बदलाव लाने का होता है।
मजबूत शनि और मंगल भी भूमि भवन के कार्य करवाते है अगर उनका सम्बन्ध 4th house से बन रहा हो, शनि अगर कुंडली में मजबूत है तो साढ़े साती काल के दौरान उत्तम भवन में निवास के योग बनाता है , नरेंद्र मोदी (#narednramodi) इसके उदहारण है साढ़े साती काल में वे 7RCR में रहने आये , शनि उनका 4th house lord है और मंगल की 4th house पर दृष्टि है, दशा भी 9th House Lord की चल रही थी।
4th House कमजोर हो तो 6th house lord या 12th house lord की दशा के दौरान संपत्ति का नाश होता है, गुरु एवं शनि कमजोर हो तो भी ऐसी परिस्थितियां निर्मित होती है, यंहा तक की पैतृक सम्पति से हाथ धोना पड़ता है।
पंकज उपाध्याय
इंदौर
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