चतुर राजनीतिज्ञ Laloo Prasad Yadav हमेशा से ही अपनी ठेठ देसी भाषा शैली, जमीन से जुडी जीवन शैली और विनोदी स्वभाव के चलते देश के सर्वाधिक चर्चित और प्रसिद्द राजनेताओ में से एक है , अपने ग्रह प्रदेश बिहार (Bihar) में 10 वर्षो तक उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को अपनी जगह मुख्यमंत्री बन कर रखा और Nitish Kumar की फिर से ताजपोशी में उनकी पार्टी की मुख्य भूमिका रही , Laloo Prasad Yadav का जन्म 11 जून 1948 को पुष्य नक्षत्र में और कर्क राशि कर्क लग्न में एक अद्भुत योग के साथ हुआ , लग्न का मजबूत होना हर कुंडली में सफलता को स्थायी रखने के लिए पहली प्राथमिकता है , नक्षत्र स्वामी लग्न (1st House ) में ही लग्नेश (1st House Lord ) चन्द्रमा (moon ) के साथ है , ये योग राजनितिक ऊंचाई प्रदान करता है , मैंने हमेशा कहा है की अधिकतर सफल राजनेताओ की कुंडली में शनि का सम्बन्ध 10th House से बन रहा है, वही परिस्थिति Laloo Prasad Yadav की कुंडली में है जो उन्हें जनता का समर्थन और सहयोग दिल रही है।
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10th House Lord मंगल (Power) का दूसरे स्थान में वो भी सूर्य (Position) की राशि में होना अला दर्जे का सिंहासन योग निर्मित करता है , इस मंगल पर 9th House Lord (Bhagya) गुरु की मजबूत दृष्टि है , साथ ही ये गुरु 6th House Lord (litigation) भी है जो समय समय पर परिस्थितियों को घोटालो के आरोप प्रत्यारोप और जेल यात्रा से विपरीत करता रहता है। Click here to read other Blogs
जब किसी भी ग्रह के पास दो भावो का स्वामित्व होता है तो वो दोनों की भावो की भूमिका सामानांतर और समय के अनुसार निभाता रहता है , जैसे यंहा गुरु , 23 sep 1990 को शुक्र की दशा और बुध की अन्तर्दशा में प्रदेश के मुखिया बने , इन दोनों ही ग्रहो पर गुरु की दृष्टि है , परन्तु लम्बे समय के बाद गुरु के 6th Lord हो दूषित होने से पद गया भी परन्तु गुरु 9th House का lord भी है जो भाग्य का सहयोग दिलाता है की वजह से पत्नी मुखिया बनी रही , क्योंकि ये 9th House भाग्य भाव के साथ UL स्थान भी है , उप पद लग्न (Read Article http://pankajkumarupadhyay.blogspot.in/2016/05/blog-post_16.html) और गुरु उस भाव का lord भी है अतः पत्नी का भाग्य भी उनके भाग्य के साथ चला, साथ ही शुक्र पत्नी का कारक ग्रह है , शुक्र वक्री है अतः power और position रहा परन्तु अप्रत्यक्ष , ये हुआ वक्री ग्रह का उदहारण , की अगर शुभ ग्रह वक्री हो तो कैसा फल देता है।www.facebook.com/pankajupadhyay02
मंगल AL Lord भी है , जो सामाजिक जीवन में व्यक्ति की परिस्थिति निर्मित करता है , जिस पर शुक्र और बुध की तरह गुरु की दृष्टि है , किसी भी ग्रह पर गुरु की शुभ दृष्टि होना उस ग्रह की दशा अन्तर्दशा में बड़ी सफलता सुनिश्चित करता है। Click here to read other Blogs
राजनितिक सफलता के लिए सूर्य (sun) का 5th House पर दृष्टि होना या उसमे होना भी अति महत्वपूर्ण है क्योंकि 5th House power और Position का भाव है और सूर्य position का ग्रह, Power का ग्रह मंगल भी 5th हाउस पर दृष्टि दे रहा है, वंहा मंगल की अपनी स्वयं की राशि है वृश्चिक , सूर्य और मंगल दोनों की दृष्टि से ये स्थान बहुत strong हुआ और उसका फल दिख ही रहा है , Power और position की कमी कभी नहीं रही।
राहु का दशम भाव (10th house) में होना वो भी मित्र शनि से दृष्ट महत्वाकांक्षी बनाता है राजनीती में आवश्यक बारीक़ सोच इसी से आती है वैसे भी शनि अमात्य कारक ग्रह है जो कुंडली दूसरा सर्वाधिक अधिक अंशो वाला ग्रह है और उच्च पद का प्रतनिधित्व करता है का दशम भाव से सम्बन्ध राजयोग निर्मित करता है।
मंगल और बुध दोनों एक दूसरे के शत्रु है , बुध 12th House (hospitals & imprisonment) में है oct 2013 में दोनों ही पर 6th lord गुरु की दृष्टि की वजह से जेल भी जाना पड़ा। इस मंगल ने उन्हें उतार चढाव भी बहुत दिखाए , जो की चन्द्र दशा के अंतिम समय से शुरू हुआ , इसी चन्द्र दशा काल में अधिक समय तक वे पद से दूर रहे और राबड़ी देवी CM रही। Click here to read other Blogs
मंगल की दशा में शुक्र की अन्तर्दशा में उनकी पार्टी ने फिर से जोरदार वापसी की जिसमे उनके पुत्र Deputy CM बने।
पंकज उपाध्याय ,
इंदौर
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